अयोध्या न्यूज डेस्क: अयोध्या के प्रतिष्ठित रावत मंदिर के महंत राम मिलन दास की मौत ने शहर में चिंता और चर्चा पैदा कर दी है। शनिवार शाम उनकी तबीयत अचानक बिगड़ी और मुंह से झाग आने लगा। शिष्यों ने उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया, लेकिन उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत का कारण हार्ट अटैक बताया गया है, हालांकि उनके हाल ही में संपत्ति संबंधी लेन-देन ने मामले में संदेह पैदा कर दिया है।
सूत्रों के अनुसार, महंत राम मिलन दास कुशीनगर के मूल निवासी थे और पिछले 15 वर्षों से रावत मंदिर के महंत के पद पर थे। उन्होंने दो माह पहले रामघाट स्थित मंदिर की बेशकीमती भूमि 8 करोड़ रुपये में बेची थी। इसके अलावा, उनके बैंक खाते में लगभग डेढ़ करोड़ रुपये मौजूद थे। इस तरह, उनकी मृत्यु के समय उनके पास कुल 9.5 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति थी, जिसने मौत की परिस्थितियों पर सवाल खड़े कर दिए।
महंत राम मिलन दास का सम्बन्ध उनके गुरु महंत राम दास कोकिल राम मंदिर आंदोलन से रहा और वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के करीबी माने जाते थे। मुख्यमंत्री अपने अयोध्या दौरे के दौरान कई बार रावत मंदिर गए और उनसे मिले। रावत मंदिर का निर्माण गोरखपुर के रावत भीटी गांव के लोगों ने कराया था, इसलिए इसे रावत मंदिर कहा जाता है।
पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। एसपी सिटी चक्रपाणि त्रिपाठी ने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में हार्ट अटैक कारण बताया गया है, लेकिन बैंक खाते और जमीन की बिक्री के कारण जांच जारी रखी जाएगी। फिलहाल, पुलिस परिजनों या शिष्यों की तरफ से कोई लिखित शिकायत मिलने की प्रतीक्षा कर रही है।